Friday, July 27, 2012

जय देवभूमि, जय उत्तराखंड, जय ऊँचो हिमाल

द्वी हाथ जोड़ी की मेरा दगिड्यो आज बोलियाल.
जय देवभूमि, जय उत्तराखंड, जय ऊँचो हिमाल.
डांडी कांठ्यूं कु मुल्क मेरु कुमाऊँ गढ़वाल.
जय देवभूमि, जय उत्तराखंड, जय ऊँचो हिमाल.

बद्री - केदार की छत्रछाया मा मनखी बस्यान
गंगोत्री यमनोत्री का किनारा गौं का गौं बस्यान
भलु च मिजाज अर मीठी च यख बोलचाल.
जय देवभूमि, जय उत्तराखंड, जय ऊँचो हिमाल.

फूल हैंसणा छन यख ऊँची नीची डांड्यों मा
हैरी हरियाली छाई च यख गैरी-२ घाट्यों मा
देवधरा बारामास इनी रेंद गैल्या तू सुणियाल.
जय देवभूमि, जय उत्तराखंड, जय ऊँचो हिमाल.

ठंडी बयार आणि, ब्वगणी च यख गाड गदेरी
बणो ग्वरेल, पन्देरूं मा पनेरी, डांड्यों मा घसेरी
मन लुभौण्या गीत दगिड्या आज तू भी गयाल
जय देवभूमि, जय उत्तराखंड, जय ऊँचो हिमाल.

चखुला भी यख बनी-२ का डाल्यूं मा चुच्याणा
कभी यख कभी वख देखा रैबार थै पहुँचाणा
ह्वेगे सुबेर अर पोडिगे रुमुक सब यून बोलियाल
जय देवभूमि, जय उत्तराखंड, जय ऊँचो हिमाल.

काम काज का बगत सब लोग छन पुंगिड्यों मा
प्याज पिरण्या, धण्या की चटनी छन रोट्यों मा
खैर फटान कु भेली कुटुकी मा अहा च्या पियाल
जय देवभूमि, जय उत्तराखंड, जय ऊँचो हिमाल.

सर्वाधिकार सुरक्षित © अनूप सिंह रावत
"गढ़वाली इंडियन" दिनांक - २१-०५-२०१२
ग्वीन, बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
इंदिरापुरम, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)

Monday, July 2, 2012

गढ़वाली शायरी By Anoop Rawat

याद औणी दगिड्यो की, जिकुड़ी मा मच्युं बबाल.
पुछणु छु आप से कन्ना छान आपका हाल चाल.
बिजां हुनु च गरम गैल्यों, बुरा हुयां छान हाल.
जनु भी होलू मेरा दगिड्यो रख्यां अपरू ख्याल.

सर्वाधिकार सुरक्षित © अनूप सिंह रावत
"गढ़वाली इंडियन" दिनांक-02-07-2012
ग्वीन, बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
इंदिरापुरम, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)