Wednesday, August 12, 2020

गढ़वाली गज़ल - अनूप सिंह रावत





तू ही मेरी ब्याळी तू ही छै मेरु आज भोळ,

मेरा दिल मा तू, अपणा दिल कु राज खोल।


जु बोल्दा छाया त्वेकु त जान भि दे द्यूलु,

ऐन मौका पर वो कख ह्वेनी आज गोळ।


द्यो द्यबता अर हंकार सबून त बोलि याल,

हे देवी तू भि दैणी ह्वेजा अपणी बाच खोल।


मिन मेहनत करि अर वोन बस हंकार करि,

यनि फुकी मवसि वोंकि, लगै हुंया नाज जोळ।


मिन त ब्यो-बरती कु दिन भी कैरि याल,

जनि तेरी हाँ तनि ब्यो कु झम्म बाज ढ़ोल।


मौळ्यार का सार बैठ्यों छौं कब बटि की मि,

'अनूप' का जीवन मा खुशी तू आज फ़ोळ।।


©® अनूप सिंह रावत

ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल