चमोली जिला मा ज्वा आपदा आयी वेकु जिम्मेदार मनखि ही च। प्रकृति दगड़ी लगातार होण वळी छेड़छाड़ येकु कारण च। ईं आपदा मा जतगा बि ल्वगोंल अपणी जान गँवे तौं तैं विनम्र श्रद्धांजलि। बद्री-केदार तौंका परिजनों तैं ईं दुःख की घड़ी से अग्नै बढ़णा कि हिक्मत द्या। कुछ पँक्तयों का माध्यम से अपणी बात रखणु छौं।
आखिर कब तलक देवभूमि मा
इनि निठुर आपदा आणि रैली
विकासकि दौड़ मा प्रकृति दगड़ी
मनखि कि छेड़छाड़ चलणी रैली
बिजली बणाण कु कब तलक
पहाड़ों मा इनि डाम बणणा राला
जीवन देण वळा गाड़-गदिना
निर्दोष ल्वगों को काळ बणि जाला
एका बाद एक परियोजना आणि च
विकास दगड़ी आपदा बि ल्याणि च
संसाधनों को बेरोकटोक दोहन होणो
देवभूमि तैं अब ऊर्जा प्रदेश बणाणि च
दिन मैना अर साल बि बदली
सरकार बि आण-जाण लगीं च
फिकर नि च कै तैं यों पहाड़ों कि
नौ कमाणै/कुर्सी बचाणै लगीं च
अबि बि बगत च रे चितै जावा!
प्रकृति को इनो अपमान न कारा
भगवानै दियीं अनुपम ईं भेंट कि
भविष्ये बाना सज समाळ कारा!!
- अनूप सिंह रावत
ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, गढ़वाल (उत्तराखंड)
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