चुनाव का वक्त एक बार फिर से हो गया
नेताओ को जनता का ध्यान हो गया..
गांव गांव शहर शहर इनकी लाइन लगी है
नजर इनकी जनता के मत पर लगी है...
कितने दिनों बाद इनका सवेरा हो गया
चुनाव का वक्त एक बार फिर से हो गया
नेताओ को जनता का ध्यान हो गया..
आम हो या खास सबको हाथ जोड़ रहे हैं
मीठी मीठी बोली आज ये फिर बोल रहे हैं
ह्रदय परिवर्तन इनका आज फिर हो गया
चुनाव का वक्त एक बार फिर से हो गया
नेताओ को जनता का ध्यान हो गया..
सफ़ेद कुरता पायजामा सर पर टोपी खादी
चेले पीछे पीछे नाच रहे जैसे आज हो शादी
वादों की टोपी नेता आज फिर पहना गया
चुनाव का वक्त एक बार फिर से हो गया
नेताओ को जनता का ध्यान हो गया..
आज यहाँ कल वहां हो रही है रोज रैली
उड़ा रहे हैं जनता के रुपयों की ये थैली
ना जाने कितने रुपये का ये चूना लगा गया
चुनाव का वक्त एक बार फिर से हो गया
नेताओ को जनता का ध्यान हो गया..
दल हैं अनेक पर कर्म सबके एक हैं
वो कभी जीतता नही जिसके इरादे नेक हैं
जाग जा जनता आज सब तेरे हाथ में रह गया
चुनाव का वक्त एक बार फिर से हो गया
नेताओ को जनता का ध्यान हो गया..
सर्वाधिकार सुरक्षित © अनूप सिंह रावत
" गढ़वाली इंडियन "
इंदिरापुरम गाज़ियाबाद
Tuesday, November 22, 2011
चुनाव का वक्त एक बार फिर से हो गया
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