Saturday, September 1, 2012

गढ़वाली शायरी By Anoop Rawat

माया की डोर बांधी ले दगिड्या
क्यांकू छै हे तू इनु सरमाणी.
भौं कुछ छन आँखी बिंगाणी,
औ त्वेथे मेरी माया भट्याणी.

अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"

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