Friday, December 21, 2012

गढ़वाली शायरी By Anoop Rawat

आजकल वा खूब दूर-2 जाणी चा।
झणी किले वा बांद मैसे रुसायीं चा।
नि भी माणाली ता क्वी बात निचा।
मेरी एक हैंकि बांद भी खुज्यायी चा।

©2012 अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
ग्वीन, बीरोंखाल, गढ़वाल (उत्तराखंड)

No comments: