गीत : मिथै बाँसुली ना रुवायो
मिथै बाँसुली ना रुवायो ..... ..... .....
मिथै बाँसुली ना रुवायो, गैल्या ना बजाऊ बाँसुली,
गैल्या ना बजाऊ बाँसुली ..... ..... .....
मिथै बाँसुली ना रुवायो ..... ..... .....
डांड्यो मा न्योली बंसणी, रौल्युं मा हिलांश,
त्वेकु मेरु रैबार देणु, आणि च घुघुती .....
हो डांड्यो मा न्योली बंसणी ..... ..... .....
आंख्युं का आँसु सुखिगे, रोई-रोई मेरा ...
झठ बौडि आवा स्वामी, गीत बाजूबंद सूणी...
मिथै बाँसुली ना रुवायो ..... ..... .....
स्वामी यखुली परदेशा, मी यखुली पहाड़ा,
निठुर ड्यूटी तुम्हारि, ख़ुशी देखि नि पाणु छु...
हो स्वामी यखुली परदेशा ..... ..... .....
होलि दगड़ी झणि कब, य तुम्हारि मेरी जोड़ी...
रौंला संग-संग हम, ऊ भलु दिन बार आलु ...
मिथै बाँसुली ना रुवायो ..... ..... .....
गैल्या ना बजाऊ बाँसुली ..... ..... .....
©09-12-2015 अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
इंदिरापुरम, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
www.iamrawatji.blogspot.in
Thursday, December 10, 2015
गीत : मिथै बाँसुली ना रुवायो
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