Monday, January 11, 2016

गढ़वाली शायरी - Anoop Rawat


घोळ छोडि की उड़िगे अब पंछी,
फोटो देखि की किलै छै अब रुणी।
जब त्वे बोलि छौ तिल पछतौण च,
तब त्वैंन मेरी एक बात नि सूणी।।

सर्वाधिकार सुरक्षित - अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड

No comments: