चुनौ कु शंखनाद ह्वेगेनी
मूसा बिरवाळु सी लड़ना छौ,
जु नेता ब्याली तक।
आज ऊंमा राम - लक्ष्मण सी,
भै - भयात ह्वेगेनी।
सोचणु रु मुंड मा हाथ धैरी की,
यु चमत्कार होई ता क्यान होई ?
फिर सुणि मिन बल,
चुनौ कु शंखनाद ह्वेगेनी।।
© 19-01-2017
अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
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