ऐंसु फिर रूड़ी ऐ ग्याई
ऐंसु फिर रूड़ी ऐ ग्याई
घौर-बोण कना कु
फिर से बगत ऐ ग्याई
स्कुल्यों की छुट्टी बाद
जु गौं म छन उ
बोण जाणा कु तैयार
अर जु परदेश छन
उ गरम्यों मा घार
पहाड़ का मनखी
खैरि फटाणा कु जाणा
अर परदेशी गौं भेंटि
खुद मिटै कि आळा।
© ® Anoop Singh Rawat
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