मिजाण... चुनौ ऐगीं
देहरादून बास छाया जु
अचगाल वो गौं जनै ऐगीं
पांच साल वोन अफु
दै-दूध खूब सपोड़ी
बचीं छांछ हमथैं देगीं
वादों कs फंचा भोरि
लेकि आयां छन वो
गौं-गौं मs खूब बंटेगीं
जात-पात भै-बिरादरी
राजनीति कि जोड़-तोड़
ख़्वाळदार मs आग लगैगीं
फूल-माला पैनि, हाथ जोड़ि
कुर्सी कs बान, झाड़ू लेकि
सैकल, हाथी मs बैठि ऐगीं
जन्ता ज्वा जागिगे छै वीं
अपड़ी छुयों मs अळझे कि
यो कनु घंघतोळ कैगीं.???
© अनूप सिंह रावत, दिनांक: 03/01/2022
ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, गढ़वाल, उत्तराखंड
No comments:
Post a Comment