क्या सही क्या गलत जहां में,
ऐ बंदे बस इतना तू जान ले.
हो अगर भूल से कोई गलती,
मुकरना मत बस तू मान ले..
गलती होना इंसान से लाजमी है.
अक्सर गलती हो भी जाती है.
और मान लो अगर ईमान से,
माफ़ी आसानी से मिल जाती है.
एक गलती को छुपाने के लिए,
झूठ का सहारा मत लेना कभी.
गलती और भी बढती जाएगी,
क्योंकि एक फिर बोलेगा तभी.
गलतियां हमेशा कुछ सिखाती है,
सुधारने खुद को मौका दिलाती हैं.
फिर न हो इंसान से गलती ऐसी,
उसे जिंदगी में आगे बढाती है.
जितने भी महान बने दुनिया में,
गलतियों से सीख आगे बढ गए.
पेशकर मिशाल नई सब के लिए,
वे सब जगत में शुमार हो गए.
ठान लें आज हम लोग भी सभी,
न छुपायेंगे अपनी गलतियां कभी.
देखेंगे कहां हो गई गलती हमसे,
सुधार कर उसमें आगे बढ़ेंगे तभी.
© अनूप रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक १०-०३-२०१३ (इंदिरापुरम)
Sunday, March 10, 2013
गलती
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