Saturday, March 23, 2013

तेरी अन्वार आंख्यूं मा

तेरी अन्वार आंख्यूं मा,
रस्याण तेरी साख्यूं मा।
हैंसी तेरी स्वाणी इनि,
जनु फुलार पाख्यूं मा।।

मयालु मिजाज च तेरु,
दिल त्वैमा लग्युं मेरु।
बिधाता कु बणायूं च,
संग हे सुवा तेरु मेरु।।

न्यारी च तेरी मेरी प्रीत,
औ लगोंला सुवा गीत।
सबका समणी बिंगे द्यूं,
होली माया की जीत।।

हाथ्यूं मेंदी लगै रखि,
बरात लेकि मी औंलु।
बैंडबाजा, ढोल दमो बजे,
डोली तेरी लेकि जौंलु।।

सुपिन्या सुवा सच होला,
गीत लोग हमरा लगाला।
प्रीत सबसे न्यारी चा,
सभी सुवा बींगी जाला।।

©अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक 23-03-2013 (इंदिरापुरम)

No comments: