Friday, May 24, 2013

गढ़वाली शायरी - अनूप रावत


धन तेरु रूप धन माया तेरी।
मैं दिखेणी च बस अन्वार तेरी।
यु कन्नु रोग लगि ज्वानी मा,
कि सेणी खाणी हर्चिगे मेरी।।

©अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक - २४-०५-२०१३ (इंदिरापुरम)

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