धन तेरु रूप धन माया तेरी। मैं दिखेणी च बस अन्वार तेरी। यु कन्नु रोग लगि ज्वानी मा, कि सेणी खाणी हर्चिगे मेरी।। ©अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन" दिनांक - २४-०५-२०१३ (इंदिरापुरम)
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