Friday, September 20, 2013

गढ़वाली शायरी - अनूप सिंह रावत

तू खुदेणी वख, मी यख,
या कनि प्रीत तेरी मेरी।
सदनी बिटि ही राई सुवा,
या दुन्या प्रीत की वैरी।।

© अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक - 19-09-2013 (इंदिरापुरम)

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