तू खुदेणी वख, मी यख, या कनि प्रीत तेरी मेरी। सदनी बिटि ही राई सुवा, या दुन्या प्रीत की वैरी।। © अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन" दिनांक - 19-09-2013 (इंदिरापुरम)
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