बिन त्यारा रूड़ी कु घाम सी, तेरो आण से बसंत सी बहार। बर्खौणी रै माया चौमास सी, रुझुणु रौं मी, रौ माया कु बुखार।। - अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन" दिनांक - 23-09-13 (इंदिरापुरम)
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