Friday, March 14, 2014

गढ़वाली शायरी - ASR

रात्यूं की निंद उडिगे, ख्वेगे दिन कु चैन.
झौल माया की या कनि लगाई छोरी त्वैन.
मेरा बस मा नि राई यु बालु मन अब मेरु,
सची यु ज्यू जान तेरा नौ करियाली मैन...

© अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – ०८-०३-२०१४ (इंदिरापुरम)

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