।। रावत बोल वचन, भाग-2 ।।
डिग्री है डिप्लोमा है, सिर्फ नहीं है काम।
जीवन यापन कैसे करे, हर दिन बढ़े है दाम।1।
शायद मुझे भी लग गया, अनूठा प्रेम का रोग।
खोए खोए से रहते हो, कहते हैं अब सब लोग।2।
आया वक्त चुनाव का, नेताओं का लगा जमघट।
हाथ जोड़े गले लगे अभी, बाद कहेंगे चल हट।3।
घर-घर दीपक ज्ञान का, चलो जलाएं आज।
जन-जन को शिक्षित करें, खुशहाल होगा समाज।4।
जाति धर्म अब बहुत हुआ, आओ बढ़ाएं भाईचारा।
मिल-जुलकर प्रगति करें, जग विख्यात हो देश हमारा।5।
© अनूप सिंह रावत - 24-04-2014
ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, पौड़ी, उत्तराखंड
इंदिरापुरम (गाजियाबाद)
Friday, May 23, 2014
रावत बोल वचन, भाग-2
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