Monday, September 15, 2014

गढ़वाली शायरी - अनूप सिंह रावत

फ्योली सी मुखुड़ी तेरी दमकणी,
नाका की नथुली भली सजणी..
धवल ह्युं जनि दांतुड़ी चमकणी,
डांड्यू आंछिरी सी स्वाणी लगणी..

© अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – १३-०९-२०१४ (इन्दिरापुरम)

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