कख छै सुवा, कख तू लुकी रे,
मन की पीड़ा त्वेन जाणी ना.
तेरो नाम ए दिल मा लेखी सकी ना ...
आकाश मा खोजे, धरती मा भेंटि सकी ना,
तेरी याद मा आंख्युं बिटी आंसू बरखदा,
निठुर दुन्या न रोकी सकी ना .....
ऐजा सुवा, त्वे बिगैर ज्यू सकदु ना ...
गीत जारी है ........
अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – ३०-१२-२०१४ (इंदिरापुरम)
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