Saturday, January 17, 2015

गढ़वाली शायरी - अनूप सिंह रावत

*** गढ़वाली शायरी ***
फूलों थैं क्या देखण, त्वे देखियाली.
भोली अन्वार तेरी, दिल मा बसैयाली.
प्रीत लागी गे, हे सुवा त्वैमा मेरी.
सबका सामणी आज, मिन बोलियाली..

© अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – १७-०१-२०१५ (इंदिरापुरम)

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