*** गढ़वाली शायरी *** फूलों थैं क्या देखण, त्वे देखियाली. भोली अन्वार तेरी, दिल मा बसैयाली. प्रीत लागी गे, हे सुवा त्वैमा मेरी. सबका सामणी आज, मिन बोलियाली.. © अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन” दिनांक – १७-०१-२०१५ (इंदिरापुरम)
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