मैकु मुंडारु कनि च या मेरी भैंसी मरख्वाली
ईना सरया गौं गुठ्यार मा बबाल मचैयाली..
बाटा की छन्नी च मेरी बाटू ईन घेरी याली
क्या बिंगो मैकू कतगा आफत करियाली..
ब्याली ईन गौं की प्रधानी बौजी दयाई मारी
प्रधान भैजी न मिथे सुणे गाली खूब खारी..
यनी मरख्वाली च कि कैल नि या लिजाणी
ईन करी याली मेरी सेणी खाणी निखाणी..
पाणी खाणा कु या जब रौली गदिन्यों जांदी
ल्वगों का गोरों थे या वख मरणी लगी रांदी..
हारू धारू घास पाणी इन्कू सब कुछ चयेंदी
दूध का नाम पर या त ल्वथ्या भर ही देंदी..
मैकु मुंडारु कनि च या मेरी भैंसी मरख्वाली
ईना सरया गौं गुठ्यार मा बबाल मचैयाली..
सर्वाधिकार सुरक्षित © अनूप सिंह रावत
"गढ़वाली इंडियन" दिनांक -१०-०२-२०१२
बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
इंदिरापुरम, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
Friday, February 10, 2012
मेरी भैंसी मरख्वाली
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