Friday, October 4, 2013

गढ़वाली शायरी - अनूप रावत

हे छोरी माया लगाणु कु भट्याणी,
तेरी गोरी उज्याली जून सी मुखुड़ी।
जब बिटिन देखि त्वे हे जिया बांद,
बस मा नीच हे छोरी मेरी जिकुड़ी।।

© अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक - ०४-१०-२०१३ (इंदिरापुरम)

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