तुमसे भेंटेणा कु खेदेणु छौं. माया कु तुम्हारु रोगी छौं. रौडी दौड़ी ऐजा मेरी सुवा, जून देखि मन बुथ्याणु छौं. © अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन” दिनांक – २५-१०-२०१३ (इंदिरापुरम)
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