मायादार रूपसी मेरी कख बिटिन ऐयी होळी। रंगरूप कु स्यू खजानु कख बिटिन पै होळी।। त्वे बणोंन बिधाता न क्वी कसर नी छोडि होळी। मायादार रूपसी मेरी कख बिटिन ऐयी होळी।। Song Continues... © अनूप सिंह रावत 06-06-2014 ग्वीन मल्ला, गढ़वाल (उत्तराखंड)
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