Thursday, December 21, 2017
उन त मी
उन त मी
भौत शरीफ़ छौं
पर कभि - कभार
भौं तड़तड़ी कैरि
बौंला भी बिटै देंदु।।
उन त मी
दारू नी पेंदु
पर कभि - कभार
ब्यौ बरात्यों म फ्री की
खूब घतोली देंदु।।
उन त मी
खांदू पेंदु नि छौं
पर कभि - कभार
जब दावत मा जांदू
त छकै खै जांदू।।
उन त मी
नौन्यु देखि की
भारी सरमांदु छौं
पर कभि फेसबुक मा
जरासी चैट कै देंदु।।
उन त मी
गढ़वळि ही बोलदु
पर कभि - कभार
हिंदी अर अंग्रेजी मा
खूब बचै देंदु।।
उन त मी
राजनीति नि जणदु
पर कभि - कभार
नेतों का जनि बात
लोगों समणी बोलि देंदु।।
..... कविता जारी है .....
© अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक: 21 दिसम्बर 2017 (बृहस्पतिवार)
ग्वीन, बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
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