Monday, January 28, 2013

गढ़वाली शायरी By Rawatji

छै तू हे सुवा जून सी जुन्याली।
तेरी आख्युं न जादू करी याली।
माया लगै याली त्वैमा घनघोर,
आज सबका समणी बोलियाली।।

©2013 अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
ग्वीन, बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)

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