Thursday, April 18, 2013

गढ़वाली शायरी : अनूप रावत

कै भी अज्वाण दगिडी सुधि पछयाण नि होंदी।
माया मा जब तक वैरी न हो रस्याण नि ओंदी।

© 2013 अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
Gween Malla, Bironkhal, Garhwal (UK)

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