Monday, April 22, 2013

वा छोरी डाँडो की आंछिरी सी


वा छोरी डाँडो की आंछिरी सी मेरा दिल मा बसिगे रे।
मेरु चित मन चोरी लीगे रे, वा मुल-मुल हंसिके रे।।

गीत (कविता) जारी है .....

©अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक २२-०४-२०१३ (इंदिरापुरम)

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