बसंत आया तो आई बहार
फाल्गुन लाया खुशियाँ हजार
होली आई रंगों का त्योहार
खुशियों से भरे घर संसार
गुजिया तलकर फिर बनेगी
दादी मम्मी फिर पूड़ी बेलेगी
बनेंगे नमकपारे व शक्करपारे
व्यंजन होंगे खाने को ढेर सारे
खेतों में फिर से हरियाली आई
ख़ुशी से नाचे सब किसान भाई
फूलों की फिर खूब खेलें होली
खुशियों से रंग गयी सूरत भोली
अबीर गुलाल रंग खूब लायें हैं
एक दूजे को रंगने सभी आये हैं
गीत होली के मिलकर गाये हैं
सबको यह दिन खूब भाये हैं
हाथों में है रंग से भरी पिचकारी
खुशियाँ आई हैं देखो ढेर सारी
चलो एक दूजे को रंग लगालो
खुशियों का पल है संग मनालो
न खेलो जुआ, ना पिओ शराब
यह सब खुशियाँ कर दें ख़राब
आओ हंसी ख़ुशी होली मनाएं
होली मुबारक सब मिलकर गाएं
सब लोगो को रावत अनूप की
होली की सपरिवार शुभकामनाएं
चलो आओ मित्रो इस पर्व को
आज हम सब मिलकर मनाएं
बसंत आया तो आई बहार
फाल्गुन लाया खुशियाँ हजार
होली आई रंगों का त्योहार
खुशियों से भरे घर संसार
सर्वाधिकार सुरक्षित © अनूप सिंह रावत
"गढ़वाली इंडियन" दिनांक -०५-०३-२०१२
बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
इंदिरापुरम, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
Monday, March 5, 2012
होली आई रंगों का त्योहार
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