ऐ मेरे भारत देश महान
कुछ तो ले अब जरा संज्ञान
१०० में से ९९ नेता बेमान
रोज ले रहे जनता की जान
देख बढती ही जा रही महंगाई
जायजा ले ले जरा अब तो
क्या न देखने की कसम है खाई
देख जरा कैसी बीमारी है आई
कैसे कट रही है ये जिंदगी
देख जरा गरीबों की लाचारी
और मजे से जी रहे हैं यहां
देख जनता के लुटेरे भ्रष्टाचारी
प्रतिदिन जनसंख्या बढ़ रही है
मुश्किल से जिंदगी कट रही है
नेताओं के चक्कर में यहां अब
इस देश की जनता बंट रही है
देख कैसी-२ बीमारी फ़ैल रही है
जनता मर-२ कर सब झेल रही है
जिनके हाथ में सौप दिया उपाय
देख तो वो इनसे कैसे खेल रही है
घर से बाहर निकलते ही यहां
अब तो रोज रिश्वत लगती है
भ्रष्टाचारियों से लुटे बगैर अब
जिंदगी यहां सबकी तो कटती है
बचपन सड़कों पर कट रहा है
जवानी बेरोजगारी में जी रहा है
बुढ़ापा दर-दर ठोकर खा रहा है
ए भारत माँ देख क्या हो रहा है
कहीं इतिहास न बन कर रह जाये
जाग जा खतरे में है तेरी महिमा
इस देश में नेता अब देख तो जरा
कैसे कुचल रहें रोज तेरी गरिमा
बढ़ रहे हैं रोज अब तो अत्याचार
सुन ले अब तो जनता की सीत्कार
खोल आँखें और कान जरा अब तो
सुन ले रावत अनूप की ये पुकार
ऐ मेरे भारत देश महान
कुछ तो ले अब जरा संज्ञान
सर्वाधिकार सुरक्षित © अनूप सिंह रावत
"गढ़वाली इंडियन" दिनांक -१९-०३-२०१२
बीरोंखाल, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
इंदिरापुरम, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
Monday, March 19, 2012
ऐ मेरे भारत देश महान
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