Thursday, March 15, 2012

गढ़वाली शायरी By Anoop Rawat

माया जब कैमा लगी जांदी
सरया-२ राती निंद नि आंदी
ओंटिडी चुप रैंदी माया मा
आँखी सब कुछ बिंगे जांदी

©2012 अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"

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