Monday, November 12, 2012

गढ़वाली शायरी By Anoop Rawat

झणी किलै माया लगोणा कु ज्युं बोनु चा ।
हे बांद रतन्याली आंखी देखि की तेरी ।।।

अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"

No comments: