Saturday, November 24, 2012

हिंदी शायरी By Anoop Rawat

कलम हाथ में आकर बोली कुछ लिख दे।
फिर मैंने सोचा क्या लिखूं आज कुछ खास।
रंजिश लिखूं तो कुछ फायदा नहीं है।
फिर दिल ने कहा चल मुहब्बत लिख दे।।

©2012 अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"

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