कलम हाथ में आकर बोली कुछ लिख दे। फिर मैंने सोचा क्या लिखूं आज कुछ खास। रंजिश लिखूं तो कुछ फायदा नहीं है। फिर दिल ने कहा चल मुहब्बत लिख दे।। ©2012 अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
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