Monday, February 25, 2013

हिंदी शायरी By Rawatji

प्यार किया आपसे तो दुनिया का गुनेहगार हो गया.
मिले जो नयना आपसे तो इश्क में गिरफ्तार हो गया.
हर जगह आप ही दिखाई देते हो मुझे अब ऐ सनम,
लगता है हमे आपसे जहां से ज्यादा प्यार हो गया...

©अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – २५-०२-२०१३ (इंदिरापुरम)

Thursday, February 14, 2013

गढ़वाली शायरी - अनूप रावत

औ हे सुवा तू प्रीत लगा.
माया का भला गीत लगा.
छोड़ ईं दुनियादारी थैं,
प्रेम की तू रीत निभा...

© अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक १४-०२-२०१३ (इंदिरापुरम)

Tuesday, February 12, 2013

दहेज़ पर गढ़वाली कविता

कनु फैल्युं च समाज मा,
यु निर्भे दहेज़ कु रोग ।
नि लेणु-देणु दहेज़ कतै,
झणी कब समझला लोग।।

बेटी का होंद ही बाबाजी,
जुडी जांदा तैयारी मा ।
सुपिन्यां सजाण लग्यान,
अपरू मुख-जिया मारी का ।।

कखि जु नि दे सकुणु क्वी,
ता आग, फांसी लगणी चा ।
फूलों सी पाली लाड़ी बेटी,
ज्यूंदी ही वा म्वरिणी चा ।।

शिक्षित छावा तुम लोग सभ्या,
फिर भी नि समझणा छावा ।
यु रोग ता आग सी भब्कुणु,
भलु नि चा यु यैथे बुझावा ।।

ब्वारी किलै बेटी नि समझेणी च,
एक सासू किलै माँ नि बनिणी चा।
घर की लक्ष्मी किलै आजकल,
इनि किलै ये युग मा सतैणी चा ।।

कब तक चलुदु रालू यु खेल,
आवा चला येथें बंद करी दयोंला ।
रावत अनूप बोलणु सभ्युं से,
आज नई शुरुआत करी दयोंला ।।

© अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक - 12-02-2013 (इंदिरापुरम)
ग्वीन, बीरोंखाल, गढ़वाल (उत्तराखंड)

Sunday, February 10, 2013

::: गढ़वाली शायरी :::


प्रीत लगै पर डोर तोड़ी ना.
बीच धार मा हाथ छोड़ी ना.
होला कैई वैरी प्रीत का यख,
पर दगिड्या मुख मोडी ना..

© अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक १०-०२-२०१३ (इंदिरापुरम)

Friday, February 8, 2013

हिंदी शायरी By अनूप रावत

प्रेम करके हमने क्या पाया है.
बस अपना समय किया जाया है.
इश्क़ किया जिससे ज़हां से ज़्यादा,
उससे हमने बस धोखा खाया है...

©2013 अनूप रावत "गढ़वाली इंडियन"