Sunday, November 23, 2014

गढ़वाली शायरी - Anoop S. Rawat

तेरी आंख्युं का सौं, प्यार त्वेसे करुदु छौं.
यूं सांसों का सौं, त्वे पर मी मरुदु छौं.
सच माण या न माण, तू हे मेरी दगिद्या,
साँची माया मी, त्वेसणी करुदु छौं ...

© अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – २३-११-२०१४ (इंदिरापुरम)