Friday, May 23, 2014

हिंदी शायरी

शुक्रिया करूं उस खुदा का,
ऐ सनम जिसने तुझे बनाया।
या करूं मैं उस पल का,
जिसने मुझे तुझसे मिलवाया।।

©15-05-14 अनूप रावत
इंदिरापुरम (ग्वीन मल्ला)

गढ़वाली शायरी

झणी क्या जादू करि तुमुन,
झणी कन्नु रोग लगी ग्यायी.
जून सी जुन्याली मुखुड़ी तुम्हारी,
हे सुवा मेरा मन मा बसी ग्यायी.

© अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – १३-०५-२०१४ (इंदिरापुरम)

रावत बोल वचन, भाग-2

।। रावत बोल वचन, भाग-2 ।।

डिग्री है डिप्लोमा है, सिर्फ नहीं है काम।
जीवन यापन कैसे करे, हर दिन बढ़े है दाम।1।

शायद मुझे भी लग गया, अनूठा प्रेम का रोग।
खोए खोए से रहते हो, कहते हैं अब सब लोग।2।

आया वक्त चुनाव का, नेताओं का लगा जमघट।
हाथ जोड़े गले लगे अभी, बाद कहेंगे चल हट।3।

घर-घर दीपक ज्ञान का, चलो जलाएं आज।
जन-जन को शिक्षित करें, खुशहाल होगा समाज।4।

जाति धर्म अब बहुत हुआ, आओ बढ़ाएं भाईचारा।
मिल-जुलकर प्रगति करें, जग विख्यात हो देश हमारा।5।

© अनूप सिंह रावत - 24-04-2014
ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, पौड़ी, उत्तराखंड
इंदिरापुरम (गाजियाबाद)