Wednesday, February 26, 2020

अनूप सिंह रावत की "प्रेम कहानी" (गढ़वळि कविता)


प्रेम कहानी मेरी शुरू हूंदा-हूंदा रै ग्याई।
माया कि जोत जलण से पैली बुझि ग्याई।।

बाळापन की माया मेरी ज्वान क्या ह्वाई,
तैंका बुबन वीं थैं दूर मुलुक बिवें द्याई।
दिल की बात म्यारा दिल मा ही रै ग्याई।।

स्कूल बिटी फिर कॉलेज कु बाटू ह्वे ग्याई,
प्रेम कु फूल दिल मा खिलण लगि ग्याई।
म्यारा ब्वलण से पैली वा हैंकन पटै द्याई।।

पढ़ै-लिखै पूरी ह्वेकि नौकरी मिलि ग्याई,
स्वाणी बांद एक म्यारा दिलमा बसि ग्याई।
पर वा भारी निठुर हृदै कि निकळी ग्याई।।

बगत दगड़ी अरेंज मैरिज कि बात ह्वाई,
कै जगों मेरु टिपड़ा बि झट्ट मिलि ग्याई।
कखि मेरि कखि वोंकि समझम नि आई।।

© 24-02-2020 अनूप सिंह रावत

Thursday, February 20, 2020

गढ़वाली शायरी by अनूप सिंह रावत

© 2020 अनूप सिंह रावत

हिंदी शायरी by अनूप सिंह रावत

© 2020 अनूप सिंह रावत

हिंदी शायरी by अनूप सिंह रावत

© 2020 अनूप सिंह रावत

हिंदी शायरी by अनूप सिंह रावत

© 2020 अनूप सिंह रावत