Friday, October 17, 2014

गढ़वाली शायरी – अनूप रावत


*** गढ़वाली शायरी – अनूप रावत ***

संसार भूली ग्युं मी त्वे देखि की.
तुमसणी अपड़ा दिल मा समझिकी.
मी पूजा करदू माया की .....
तुम्हारी इच्छा हे सुवा, साथ दे, न दे,
मी शरण ऐग्युं तुम्हारी माया की ...

© अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – १७-१०-२०१४ (इंदिरापुरम)

गढ़वाली शायरी - अनूप सिंह रावत


*** गढ़वाली शायरी ***

जब बिटिन देखि त्वेथै सुवा,
सुपिन्या त्यारा ही देखणु छौं।
तेरी माया कु रोगी बणिग्युं,
नौ दिन राति तेरु ही जपणु छौं।।

© अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक - ०९-१०-२०१४ (इंदिरापुरम)