Tuesday, December 30, 2014

गढ़वाली गीत - कख छै सुवा

कख छै सुवा, कख तू लुकी रे,
मन की पीड़ा त्वेन जाणी ना.
तेरो नाम ए दिल मा लेखी सकी ना ...
आकाश मा खोजे, धरती मा भेंटि सकी ना,
तेरी याद मा आंख्युं बिटी आंसू बरखदा,
निठुर दुन्या न रोकी सकी ना .....
ऐजा सुवा, त्वे बिगैर ज्यू सकदु ना ...

गीत जारी है ........

अनूप सिंह रावत “गढ़वाली इंडियन”
दिनांक – ३०-१२-२०१४ (इंदिरापुरम)