Friday, April 23, 2021

राजनीति कु घमासान (गढ़वळि कविता) - अनूप सिंह रावत

 नेतों का बीच
राजनीति कु घमासान
लग्यूँ छाई, लग्यूँ च
अर लग्यूँ हि रालो।
आम मनखि त
यूँका जाळ मा
फंस्यूँ छाई, फंस्यूँ च
अर फंस्यूँ हि रालो।

विपदा को बगत च
सब्बि जणदिना
अपड़ी पार्टी चमकौण
जनता जाओ भाड़ मा
बस कुर्सी हथ्यौण
जनता मंगणि च दवे-दारु
योन आरोप-प्रत्यारोप करि
अपडु वोट बैंक बढ़ौण।

राजनीति करा पर
बगत बि देखा जरा
विपदा आईं देश मा
मन्ख्यात त रैखा जरा
आम जनता से बि
'अनूप' को अनुरोध च
भै-भयात रख्यां तुम
बस गलत नीति विरोध च।

©® अनूप सिंह रावत
ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, गढ़वाल (उत्तराखंड)