
कागज कलम हाथ में लेकर वो बस लिखता ही जाएगा
हर समस्या का समाधान वो बस ढूंढता ही जाएगा.....
कवि तो कवि है वो बस लिखता ही जाएगा....
प्रकृति की सुन्दरता का मनोरम चित्रण
या रिमझिम बरसते सावन का वर्णन
बसंत ऋतु के असंख्य फूलों के हर रंग
सर्द ऋतु की ठंडी हवा और बर्फ के संग
अपनी कलम का जादू वो बस बिखेरता ही जाएगा
कवि तो कवि है वो बस लिखता ही जाएगा....
समाज में फैली कुरीतियों पर व्यंग्य कसता
भ्रष्ट नेताओ की सजी महफ़िल की पोल खोलता
जनता के हितो के लिए हमेशा कलम से लड़ता
बचना इनसे सदैव अपना सन्देश है देता रहता
अपने लेखन के हथियार से बस लड़ता ही जाएगा
कवि तो कवि है वो बस लिखता ही जाएगा....
कविता लिखने में उसे कोई मोह लोभ नहीं
वह तो बस अपनी भावना प्रकट करता है
ज्ञान के प्रकाश की रोशनी को महोदय,
अहम् रूपी अंधकार भगाने को करता है
अपनी बातों को दूसरों तक बस पहुंचाता ही जाएगा
कवि तो कवि है वो बस लिखता ही जाएगा....
कविता एक माध्यम है जो पहले भी लिखी गयी
पन्त, निराला, जयशंकर, दिनकर, महादेवी वर्मा
अज्ञेय, कबीर, रहीम, मीरा, बच्चन, बोध, शर्मा
आदि अनेक पूर्व कवियों की महान थी गरिमा
रावत अनूप भी एक छोटी सी कोशिश करता ही जाएगा
कवि तो कवि है वो बस लिखता ही जाएगा....
©अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक - 14-12-2011 (इंदिरापुरम)
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